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Diesel Petrol Price Rewa: “तेल की आग में झुलसा रीवा का ट्रांसपोर्ट! डीज़ल-पेट्रोल के बढ़ते दामों से थमा संसाधनों का पहिया”

“तेल की आग में झुलसा रीवा का ट्रांसपोर्ट! डीज़ल-पेट्रोल के बढ़ते दामों से थमा संसाधनों का पहिया” और जाने नए रेट”

Diesel Petrol Price Rewa: रीवा जिले में इन दिनों एक नई मुसीबत ने दस्तक दी है डीज़ल और पेट्रोल की बेकाबू होती कीमतें। इस बार असर सिर्फ जेब पर नहीं पड़ा है, बल्कि पूरे परिवहन तंत्र की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। जिन सड़कों पर कभी ऑटो, टैक्सी, बस और ट्रक सरपट दौड़ा करते थे, वहां अब या तो संसाधन रुके हुए हैं या धीरे-धीरे दम तोड़ते नज़र आ रहे हैं।

पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर को झकझोर कर रख दिया है। रीवा के छोटे ऑटो चालकों से लेकर बड़े ट्रांसपोर्ट मालिकों तक, हर कोई इस बढ़ती महंगाई की मार से कराह उठा है। आमदनी पहले ही सीमित थी, लेकिन अब ईंधन का खर्च इतना बढ़ गया है कि गाड़ी चलाना मुनाफे का नहीं, घाटे का सौदा बन गया है।

रीवा जिले में डीजल और पेट्रोल की कीमत क्या है

तेल  टुडे प्राइस 
पेट्रोल  ₹108.00 प्रति लीटर
डीजल ₹93.40 प्रति लीटर

“अब तो लग रहा है जैसे गाड़ी नहीं, हम ही ईंधन में जल रहे हैं” –

यह दर्द है एक स्थानीय ऑटो चालक का, जिसने दिन भर की मेहनत के बाद हाथ में बचने वाली मामूली रकम को दिखाते हुए कहा कि “अब रोज़ कमाने के लिए भी उधार का डीज़ल लेना पड़ रहा है।”

बस ऑपरेटरों की हालत भी कुछ कम नहीं है। रीवा से आस-पास के गांवों और कस्बों तक चलने वाली कई बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है, और मालिकों का कहना है कि अब खर्च उठाना नामुमकिन होता जा रहा है। “टायर की कीमत अलग, इंजन ऑइल अलग, मेंटेनेंस अलग और ऊपर से डीज़ल की मार… अब बसें चलाना खुद को धोखा देने जैसा लगने लगा है,” – ये कहना है रीवा के एक प्राइवेट बस यूनियन के संचालक का।

मालवाहक ट्रकों की हालत और भी खराब हो चली है। रोज़मर्रा की सप्लाई चेन तक हिल चुकी है। सब्ज़ियों से लेकर सीमेंट-बजरी तक, हर चीज़ की ढुलाई महंगी हो चुकी है। इससे बाजार में महंगाई का असर साफ नज़र आने लगा है।

अब सवाल है – समाधान क्या है?

रीवा जिले के ट्रांसपोर्ट यूनियन अब सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि या तो ईंधन की कीमतों पर नियंत्रण लगे या भाड़ा दरें बढ़ाई जाएं। कई क्षेत्रों में वाहन मालिकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द राहत नहीं मिली, तो वे सड़कों पर गाड़ियां खड़ी कर हड़ताल करेंगे।

एक समय जो संसाधन रीवा की जान थे, वही आज महंगाई की मार से बेबस नज़र आ रहे हैं। इस संकट से उबरने के लिए ज़रूरी है कि सरकार समय रहते कदम उठाए, वरना शहर की रफ्तार थमते देर नहीं लगेगी।

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